रुपये लेकर उपभोक्ता के खाते में जमा नहीं करने का आरोपी एसबीआई भालौठ शाखा का कैशियर निलंबित
रोहतक। भारतीय स्टेट बैंक एफआईएमएम (फाइनेंशियल इन्क्लूजन मार्केटिंग मैनेजर) की भालौठ स्थित शाखा के कैशियर को धोखाधड़ी के आरोप में करनाल में तैनात बैंक के आरएम (रीजनल मैनेजर) गगन कुमार ने सोमवार को निलंबित कर दिया। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच में सात-आठ लाख रुपये की धोखाधड़ी का होना प्रकाश में आया है। वहीं, करनाल से आई जांच टीम ने बैंक में दस्तावेजों की जांच की और शिकायतकर्ताओं से पूछताछ की।
आईएमटी थाने में रविवार को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए गांव भालौठ निवासी महावीर ने बताया कि उसका गांव की एसबीआई शाखा में खाता है। 12 फरवरी को वह खाते में 1.20 लाख रुपये जमा कराने के लिए बैंक गया। बैंक के कैशियर सुभाष को उसने रुपये खाते में जमा कराने के लिए दिए। कैशियर सुभाष ने कंप्यूटर में अंगुली लगाकर कह दिया कि खाते में रुपये जमा हो गए हैं, जब पासबुक में एंट्री कराने के लिए कहा तो उसने कहा कि मशीन खराब है। कल या परसों एंट्री करवाने आना, जब खाता चेक किया तो जमा कराए 1.20 लाख रुपये नहीं दिखे। आरोप लगाया कि कैशियर सुभाष ने धोखाधड़ी करके रुपये हड़प लिए और खाते में जमा नहीं कराए। उसने बताया कि गांव निवासी नरेश के खाते से भी करीब दो लाख रुपये का गबन हुआ है। आरोप लगाया कि कैशियर सुभाष ने गांव के अन्य व्यक्तियों व बैंक के अन्य ग्राहकों के खाते से भी धोखाधड़ी करके रुपये निकाले हैं। गांव निवासी बैंक के ग्राहकों का आरोप है कि कैशियर सुभाष ने कई लाख रुपये धोखाधड़ी करके हड़पे हैं, जिसकी जांच की जाए। इस मामले में पुलिस के साथ-साथ बैंक ने भी अपने स्तर से जांच शुरू कर दी है। सोमवार की सुबह करनाल से आई जांच टीम के साथ हुडा बैंक शाखा के एक अफसर चेकिंग के लिए बैंक पहुंचे। उन्होंने धोखाधड़ी करने का आरोप लगाने वाले ग्राहकों के बारे में जानकारी की और फिर उनके एक साल के अंदर हुए लेनदेन के दस्तावेज जुटाए। इसकी जानकारी होने पर गांव के तमाम लोग बैंक पहुंचे और जांच टीम के सामने अपनी-अपनी शिकायतें रखी। कइयों ने टीम को जमा की गई राशि के रसीदें भी मुहैया करवाईं।
ग्राहक घबराएं नहीं, जांच के बाद सभी का पैसा मिलेगा : गगन कुमार
बैंक शाखा के करनाल में तैनात आरएम गगन कुमार ने बताया कि प्राथमिक जांच के बाद बैंक शाखा के कैशियर सुभाष को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपी वहीं का निवासी थी, इसलिए गांव के लोगों से नजदीकी बनाई। माना जा रहा है कि लोगों ने भरोसा करके उसे रुपये जमा करने के लिए दिए, इसलिए अन्य कर्मियों के संलिप्त होने की आशंका नहीं है। फिर भी टीम कई बिंदुओं से जांच करने में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि शिकायतें तो काफी आई हैं, मगर प्राथमिक जांच में पता चला है कि धोखाधड़ी सात-आठ लाख की हुई है। ग्राहकों को इससे परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। यदि उन्होंने रुपये जमा कराएं हैं अथवा उनके खाते से निकले हैं तो वे उन्हें मिलेंगे। ग्राहक अपनी जमा रसीद जांच टीम को मुहैया करवाएं, जो ग्राहक खाते से रुपये निकलने की बात कह रहे हैं, उनके एक साल का लेनदेन चेक कराया जाएगा। यदि हस्ताक्षर से मिलान नहीं होगा तो वह राशि भी उन्हें मिलेगी।